Friday, March 23, 2018

facebook data scandal | Cambridge analytica



एक ब्रिटिश परामर्शदाता कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के आरोपों के बाद फेसबुक भारी मुश्किलों का सामना कर रहा है। कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक पर पांच करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा का इस्तेमाल बिना उनकी अनुमति के राजनेताओं के लिए करने का आरोप लगाया है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व ब्रेक्सिट प्रचार अभियान भी शामिल हैं। फेसबुक ने स्वीकार किया है कि करीब 2,70,000 लोगों ने एप डाउनलोड किया और उन्होंने उसपर अपनी निजी जानकारी साझा की। लेकिन कंपनी ने किसी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया और कहा कि कंपनी डेटा हासिल करने और उसके इस्तेमाल में सही प्रक्रियाओं का पालन करती है।
यूरोपीय संघ (ईयू) व ब्रिटिश सांसदों की मांग है कि सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक को व्यक्तिगत डेटा का बड़े स्तर पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग होने के खुलासे के बाद डेटा सेंधमारी पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। कैम्ब्रिज एनालिटिका मामला सामने आने के बाद नेताओं ने जुकरबर्ग को अगले पांच दिनों में विधायी संस्थाओं के समक्ष गवाही के लिए बुलाया है। सीएनएन के मुताबिक, ब्रिटेन की कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका ने बिना मंजूरी लिए फेसबुक के पांच करोड़ यूजर्स के डेटा का दुरुपयोग किया। इस कंपनी के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी कथित संबंध हैं।
फेसबुक का कहना है कि शुरुआत में इस डेटा को शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए एक प्रोफेसर ने इकट्ठा किया। इसके बाद इस डेटा को फेसबुक की नीतियों को धता बताते हुए कैम्ब्रिज एनालिटिका सहित थर्ड पार्टी को सौंप दिए गए। मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को फेसबुक पोस्ट के जरिए इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि कंपनी यूजर्स के डेटा को बेहतर तरीके से सुरक्षित करने के लिए कई कदम उठा रही है।
जुकरबर्ग ने फेसबुक पोस्ट कर कहा, “मैं कैंब्रिज एनालिटिका से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर पहले से ही उठाए जा चुके कदमों और हमारे अगले कदमों को लेकर अपनी बात रखना चाहता हूं। मैं यह समझने की कोशिश कर रहा हूं कि असल में हुआ क्या और इसे दोबारा होने से कैसे रोका जाए।” जुकरबर्ग ने कहा, “अच्छी खबर यह है कि इसे रोकने के लिए जो जरूरी कदम हमने आज उठाए हैं, वे असल में कई वर्षो पहले ही उठा लिए गए थे लेकिन हमने फिर भी गलतियां कीं लेकिन अब हमें इन्हें दोबारा होने से रोकने के लिए कमर कसने की जरूरत है।”
  • जुकरबर्ग का कहना है कि कंपनी उन सभी ऐप्स की जांच करेगी, जिनके जरिए बड़ी मात्रा में जानकारियां हासिल की गई। जुकरबर्ग ने बुधवार रात सीएनएन को दिए साक्षात्कार में कहा, “छोटा एवं सटीक जवाब यह है कि यदि यही करना सही है तो मैं ऐसा करके खुश हूं। हम फेसबुक के उस शख्स को भेजने का प्रयास करते हैं, जिसके पास सबसे अधिक ज्ञान हो। यदि वह मैं हूं तो मैं खुशी से जाने के लिए तैयार हूं।” हालांकि, वाशिंगटन में फेसबुक की वकीलों और लॉबिस्ट की एक छोटी सी टीम है, लेकिन जुकरबर्ग स्वयं कभी कांग्रेसनल समिति के समक्ष पेश नहीं हुए।
केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जुकरबर्ग को भारत के सूचना प्रौद्योगिकी कानून की याद दिलाते हुए कहा, “अच्छा होगा कि आप भारत के आईटी मंत्री के कथनों पर ध्यान दें।” उन्होंने कहा, “अगर किसी भी भारतीय का डेटा फेसबुक की मिलीभगत से लीक होगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें आईटी कानून में जरूरी शक्ति प्राप्त है, जिसके तहत आपको भारत में तलब भी किया जा सकता है।”
भारत से क्‍या है कैम्ब्रिज एनालिटिका का कनेक्‍शन
भारत में, भाजपा व कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे पर डेटा फर्म से संबंध होने के आरोप लगाए हैं। रवि शंकर प्रसाद ने पूदा, ”कांग्रेस ऐसी फर्मों से प्‍यार क्‍यों करती है? पार्टी से मेरा सवाल है कि क्‍या चुनाव जीतने के लिए वह डेटा मैनिपुलेशन और डेटा चोरी पर निर्भर रहेगी? राहुल गांधी की सोशल मीडिया प्रोफाइल में कैम्ब्रिज एनालिटिका की क्‍या भूमिका है?”
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “कांग्रेस और इसके अध्यक्ष ने कभी भी कैंब्रिज एनलिटिका(सीए) का की सेवा नहीं ली है।” सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसकी सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) ने वर्ष 2010 में कैंब्रिज एनलिटिका की सेवा ली थी। सुरजेवाला ने कहा, “मुझे लगता है कि भाजपा और रविशंकर प्रसाद को कैंब्रिज एनलिटिका का काफी अनुभव है, जिसके बारे में वह कह रहे हैं कि कंपनी डेटा चोरी में संलिप्त है।” उन्होंने कंपनी की वेबसाइट का हवाला देते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल वर्ष 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में पूरी चुनावी प्रक्रिया के लिए किया गया था।

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