Friday, March 30, 2018

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सीबीएसई पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 10 वॉट्सऐप ग्रुप को आईडेंटिफाई किया है। इन ग्रुपों में 50-60 मेंबर हैं। जांच में सामने आया की बोर्ड की चेयरमैन अनीता करवाल को किसी शख्स मेल भेजा था, जिसमें लीक पेपर्स की तस्वीरें अटैच्ड थीं। पुलिस ने इस बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए गूगल से भी संपर्क किया है। उधर, देशभर में छात्रों और अभिभावकों का प्रदर्शन जारी है। दिल्ली में सीबीएसई के दफ्तर और प्रकाश जावड़ेकर के घर के सामने भी प्रदर्शन किए गए।
पेपर लीक मामले में अब 2 एफआईआर और 30 लोगों से पूछताछ हुई?
-पेपर लीक मामले में अब तक पुलिस ने 2 एफआईआर दर्ज की हैं। वहीं, 18 स्टूडेंट्स और पांच कोचिंग सेंटर संचालकों समेत 40 लोगों से पूछताछ की गई है। लेकिन अभी तक पुलिस को पेपर लीक करने वाले असली आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला है।
- झारखंड के चतरा में भी छह छात्रों और कोचिंग संचालकों को हिरासत में लिया गया।
स्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन जारी
- पेपर लीक होने की वजह से 10वीं और 12वीं के दो पेपर रद्द करने के फैसले के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
- दिल्ली में गुरुवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स ने दावा किया कि सीबीएसई के सभी पेपर लीक हुए थे और दो-दो हजार रुपए में बिके। वहीं, पुलिस सूत्रों का दावा है कि पेपर 30 हजार रुपर से लेकर 200 रुपए तक में बिके हैं।
सीबीएसई चेयरमैन को किसी ने भेजे थे मेल, पुलिस ने गूगल से संपर्क साधा
- पिछले दिनों किसी शख्स ने सीबीएसई की चेयरमैन अनीता करवाल को एक मेल भेजा था। इसमें हाथ से लिखे लीक पेपर्स की फोटो अटैच्ड थीं। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किस शख्स ने ये मेल भेजा था। इसके लिए क्राइम ब्रांच ने गूगल से संपर्क किया है।
जांच: 40 मोबाइल नंबर हाथ लगे
- सोर्स प्वाइंट तक पहुंचने के लिए पुलिस फारवर्ड करने वाले फोन नंबरों की चेन को खंगाल रही है। अभी तक ऐसे 40 मोबाइल नंबर हाथ लगे हैं। इनमें 10वीं के 24 और 12वीं के 10 छात्र हैं। 
- पुलकित शर्मा नाम के युवक ने मिराज नाम के युवक से पेपर मिलने की बात कही। वहीं, पहले आरोपी बनाए गए कोचिंग संचालक विक्की ने मदद के लिए पर्चा फॉरवर्ड की बात कही है।
अंदेशा: सोनीपत, बुलंदशहर से भी जुड़े हो सकते हैं तार
- पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लीक के तार सोनीपत और बुलंदशहर से जुड़े हो सकते हैं। क्योंकि इस तरह का गोरखधंधा करने वाले कुछ गैंग वहीं पर एक्टिव हैं। ऐसे गैंग पर भी पुलिस नजर बनाए हुए है। पुलिस को अंदेशा है कि इस मामले में कोचिंग संचालक सिर्फ मोहरा भर भी हो सकते हैं। असल में इस पूरे रैकेट के पीछे बड़े नाम भी छिपे हो सकते हैं।

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