जो बीत गयी सो बात गयी...
जीवन में एक सितारा था
माना वो बेहद प्यारा था
वो डूब गया तो डूब गया
अम्बर के आनंद को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे टूटे
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अम्बर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गयी....
जीवन में था वो एक कुसुम
थे उस पे नित्य न्योछावर तुम
वो सूख गया तो सूख गया
मधुवन की छाती को देखो
सूखी कितनी इसकी कलियाँ
जो मुरझाई फिर कहाँ खिली
पर बोलो सूखे फूलों पे
कब मधुवन शोक मनाता है?
जो बीत गयी सो बात गयी...
जीवन में मधु का प्याला था
तुमने तन मन दे डाला था
वो टूट गया तो टूट गया
मदिरालय का आँगन देखो
कितने प्याले हिल जाते हैं
जो गिरते हैं कब उठते हैं
पर बोलो टूटे प्यालों में कब मदिरालय पछताता है?
मृदु मिटटी के हैं बने हुए
मधु घाट फूटा ही करतें हैं
लघु जीवन लेके आये हैं
प्याले टूटा ही करते हैं
फिर भी मदिरालय के अन्दर
मधु के घाट मधु के प्याले हैं
जो मादकता के मारे हैं
वो मधु लूटा ही करते हैं
वो कच्चा पीने वाला है जिसकी ममता घाट प्यालों पर
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है चिल्लाता है?
जो बीत गयी सो बात गयी...
हरिवंश राय बच्चन
Wednesday, December 15, 2010
Sunday, November 28, 2010
TRIP TO PAHARIYA
Monday, November 22, 2010
Sunday, November 21, 2010
kotha ma paira
Kotha Ma Paira....
A cute Chhattisgarhi Traditional Song and Dance Performed By
Three Cute Girls.... Ritika, Hrishita & Cherry
Saturday, November 20, 2010
Tuesday, November 9, 2010
छपरवा ट्रिप (अचानकमार जंगल)
Achanakmar Wildlife Sanctuary
Type : Sanctuary
Sanctuary : Tiger Reserve
Area : 557.55km2
Year :1975
Animals In Achanakmar Wildlife Sanctuary
leopards, gaur, chital, Bengal tigers, striped hyena, jackals , the sloth bear, dhole, sambar, nilgai, four-horned antelope, chinkara, blackbuck, muntjak, Antilope cervicapra, Indian muntjac, and wild boar, among other species.
Plants In Achanakmar Wildlife Sanctuary
Sal, saja, bija, and bamboo.
Region
Achanakmar Wildlife Sanctuary is a wildlife park in Chhattisgarh, India.
About Achanakmar Wildlife Sanctuary
Located in Bilaspur District of Chhattisgarh, Achanakmar Wildlife Sanctuary was established in 1975 and covers an area of 552 sq km. It is set in the beautiful sal forests of the Malkal Hills. Altitude ranges from 200-1000m.Mainly tropical sal forests with other species at higher altitudes are the vegetation of this region.Among the wildlife sanctuaries, the 28 Tiger Reserves are governed by Project Tiger, which is of special significance in the conservation of the tiger. The country is famous for its famous wide range of wild life and forest recourses. India is full of several renowned wildlife sanctuaries, bird sanctuaries, national parks, Biological gardens and zoos etc. The sanctuary is close to Amarkantak and the source of the Narmada River.
Animal Population : 35 tigers.
Best Time To Visit : November-June.
Nearest Town : Bilaspur
Type : Sanctuary
Sanctuary : Tiger Reserve
Area : 557.55km2
Year :1975
Animals In Achanakmar Wildlife Sanctuary
leopards, gaur, chital, Bengal tigers, striped hyena, jackals , the sloth bear, dhole, sambar, nilgai, four-horned antelope, chinkara, blackbuck, muntjak, Antilope cervicapra, Indian muntjac, and wild boar, among other species.
Plants In Achanakmar Wildlife Sanctuary
Sal, saja, bija, and bamboo.
Region
Achanakmar Wildlife Sanctuary is a wildlife park in Chhattisgarh, India.
About Achanakmar Wildlife Sanctuary
Located in Bilaspur District of Chhattisgarh, Achanakmar Wildlife Sanctuary was established in 1975 and covers an area of 552 sq km. It is set in the beautiful sal forests of the Malkal Hills. Altitude ranges from 200-1000m.Mainly tropical sal forests with other species at higher altitudes are the vegetation of this region.Among the wildlife sanctuaries, the 28 Tiger Reserves are governed by Project Tiger, which is of special significance in the conservation of the tiger. The country is famous for its famous wide range of wild life and forest recourses. India is full of several renowned wildlife sanctuaries, bird sanctuaries, national parks, Biological gardens and zoos etc. The sanctuary is close to Amarkantak and the source of the Narmada River.
Animal Population : 35 tigers.
Best Time To Visit : November-June.
Nearest Town : Bilaspur
http://picasaweb.google.com/ogchampa/Chhaparva?feat=directlink
Saturday, November 6, 2010
Manmeet
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे की तुम मेरे लिए कौन हो,
तुम धडकनों का गीत हो, तुम जीवन की संगीत हो
तू जिंदगी, तू बंदगी, तू रौशनी तू ताजगी
तू हर खुसी,
तू प्यार है, तू प्रीत है, मनमीत है
तू सुबह में, तू शाम में, तू सोच में तू काम में,
मेरे लिए हसना भी तुम, मेरे लिए रोना भी तुम,
मेरे लिए जगाना भी तुम, मेरे लिए सोना भी तुम,
और पाना खोना भी तुम
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे की तुम मेरे लिए कौन हो
चन्दन सा तरसा है ये बदन, जिससे बहती है एक अगन
ये शोखियाँ ये मस्तियाँ तुम्हे हवाओं से मिली,
जुल्फें घटाओं से मिली,
आँखों को चिले मिल गए, होंठों पे कालियां खिल गयी
ये हांथो की गोलाईयन, ये आँचल की परछाइयां
जैसे हज़ारों तितलियाँ
ये नगरियाँ है ख्वाब की
कैसे बताऊँ मैं तुझे हालत दिले बेताब की
कैसे बताऊँ ...................
कैसे बताऊँ मैं तुझे
कैसे बताऊँ की तुम मेरे लिए धर्मं हो
इबादत हो मेरी, तुम ही तो चाहत हो मेरी
मैं ताकता जिसे हर पल हूँ तुम ही तो वो तस्वीर हो
तुम ही तो मेरी तकदीर हो
तू पूरब में, तू पश्चिम में, तू उत्तर में, तू दक्षिण में
मेरे लिए तो रास्ता भी तुम, मेरे लिए मंजिल भी तुम,
मेरे लिए सागर भी तुम, मेरे लिए साहिल भी तुम
तुम्ही तो मेरी पहचान हो
देवी हो मेरे लिए, मेरे लिए भगवान् हो
पूजा हो तुम मेरे लिए, मेरे लिए अजान हो
गीता हो तुम मेरे लिए, मेरे लिए कुरआन हो
कैसे बताऊँ मैं तुम्हे.......
कैसे बताऊँ.....
कैसे बताऊँ की....
की तुम बिन मैं कुछ भी नहीं।
Friday, November 5, 2010
दीपक एक जलना साथी
गुमसुम बैठ न जाना साथी
दीपक एक जलना साथी
सघन कालिमा जाल बिछाए
द्वार देहरी नज़र न आये
घर की राह दिखाना साथी
दीपक एक जलना साथी
घर और बाहर लिप पोतकर
कोने अंतर झाड पोंछकर
मन का मैल छुड़ाना साथी
दीपक एक जलना साथी
एक हमारा एक तुम्हारा
दीप जले चमके चौबारा
मिल जुल पर्व मानना साथी
दीपक एक जलना साथी
आ सकता है कोई झोंका
क्योंकि हवा को किसने रोका?
दोनों हाँथ लगाना साथी
दीपक एक जलना साथी
शुभ दीपावली
Monday, October 25, 2010
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है,
मन का विस्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ाना न अखरता है,
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,
डुबकियाँ सिन्धु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है,
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढाता दुगना उत्साह इसी हैरानी में,
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो,
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्याग करो,
संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम,
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वों की कभी हार नहीं होती।
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है,
मन का विस्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ाना न अखरता है,
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,
डुबकियाँ सिन्धु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है,
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढाता दुगना उत्साह इसी हैरानी में,
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो,
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्याग करो,
संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम,
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वों की कभी हार नहीं होती।
Friday, October 22, 2010
बेसन की सौंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ,
याद आती है चौंका बासान, चिमटा फुकनी जैसी माँ,
चिड़ियों की चहकार में गूंजे राधेमोहन अली अली,
मुर्गे की आवाज़ से खुलते घर की कुंडे जैसी माँ,
बान के खुर्री खाटके ऊपर हर आहट पर कान धरे
आधी सोई आधी जागी भरी दोपहरी जैसी माँ,
बीवी, बेटी, बहन, पड़ोसन, थोड़ी थोड़ी सी सब में
दिन भर इक रस्सी के ऊपर चलती नटनी जैसी माँ,
बाँट के अपना चेहरा, माथा, ऑंखें, जाने कहाँ गई
फटे पुराने इक एल्बम में चंचल लड़की जैसी माँ...
याद आती है चौंका बासान, चिमटा फुकनी जैसी माँ,
चिड़ियों की चहकार में गूंजे राधेमोहन अली अली,
मुर्गे की आवाज़ से खुलते घर की कुंडे जैसी माँ,
बान के खुर्री खाटके ऊपर हर आहट पर कान धरे
आधी सोई आधी जागी भरी दोपहरी जैसी माँ,
बीवी, बेटी, बहन, पड़ोसन, थोड़ी थोड़ी सी सब में
दिन भर इक रस्सी के ऊपर चलती नटनी जैसी माँ,
बाँट के अपना चेहरा, माथा, ऑंखें, जाने कहाँ गई
फटे पुराने इक एल्बम में चंचल लड़की जैसी माँ...
Monday, May 24, 2010
maa
besan ki saondhi roti par khatti chatani jaisi maa,
yaad aati hai chaonka baasan, chimtaa fukani jaisi maa,
chidiyon ki chahkaar mein gunje radhemohan ali ali
murge ki awaaz se khulte ghar ki kunde jaisi maa,
baan ki khurri khaat ke upar har aahat par kaan dhare
aadhi soyi aadhi jaagi bhari dupahari jaisi maa,
biwi, beti, bahan, padosan thodi thodi si sab mein
din bhar ik rassi ke upar chalati natani jaisi maa,
baant ke apna chehra, matha, ankhen jaane kahan gai
fate purane ik album mein chanchal ladaki jaisi maa....
yaad aati hai chaonka baasan, chimtaa fukani jaisi maa,
chidiyon ki chahkaar mein gunje radhemohan ali ali
murge ki awaaz se khulte ghar ki kunde jaisi maa,
baan ki khurri khaat ke upar har aahat par kaan dhare
aadhi soyi aadhi jaagi bhari dupahari jaisi maa,
biwi, beti, bahan, padosan thodi thodi si sab mein
din bhar ik rassi ke upar chalati natani jaisi maa,
baant ke apna chehra, matha, ankhen jaane kahan gai
fate purane ik album mein chanchal ladaki jaisi maa....
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